बुधवार, 22 सितंबर 2010

स्त्री देह के बाजारीकरण पर सवालों के माध्यम से विचार-विमर्श

आमतौर पर हम समाज में घटने वाली घटनाओं को तो देखते हैं, पर उनके पीछे के कारणों को जानने का कभी प्रयास नहीं करते हैं. आज की नारी को बदलती सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के चलते पहले की अपेक्षा बहुत सी सहूलियतें मिली हैं. इतनी कि उन्हें मुक्त मान लिया गया है. जब हम माडलों, हिरोइनों और अन्य पेशों में आगे बढ़ती औरत को देखते हैं, तो ये मान बैठते...