मंगलवार, 12 अक्टूबर 2010

पश्चिमी नारीवाद बनाम भारतीय नारीवाद

आमतौर पर नारीवाद की बात चलने पर यह प्रश्न सभी के मन में उठता है कि नारीवाद की पाश्चात्य अवधारणा का भारत में क्या उपयोग है? और ये प्रश्न कुछ हद तक वाजिब भी है. खासकर के तब जब नारीवाद पर खुद पश्चिम में ही कई सवाल उठने लगे हों. दरअसल, पश्चिम में नारीवाद एक विचारधारा के रूप में उभरकर तब सामने आया, जब वहाँ की औरतों को मूलभूत अधिकार प्राप्त हो चुके थे....